NCERT Solutions for Class 10 Hindi Course B Sanchayan Chapter 1 Harihar Kaka
हमारे ब्लॉग में आपको NCERT पाठ्यक्रम के अंतर्गत कक्षा 10 (Course B) की हिंदी पुस्तक ‘स्पर्श’ और हिंदी पूरक पाठ्यपुस्तक ‘संचयन’ के पाठ पर आधारित सामग्री प्राप्त होगी जो पाठ की विषय-वस्तु को समझने में आपकी सहायता करेगी। इसे समझने के उपरांत आप पाठ से संबंधित किसी भी प्रश्न का उत्तर सरलता से दे सकेंगे।
NCERT Study Material for Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 1 Important / key points which covers whole chapter / Quick revision notes, Textbook Question-Answers and Extra Questions /Important Questions with Answers
यहाँ NCERT HINDI Class 10 के पाठ – 1 के मुख्य बिंदु (Important / Key points) दिए जा रहे हैं। साथ ही आपकी सहायता के लिए पाठ्यपुस्तक में दिए गए प्रश्नों के सटीक उत्तर (Textbook Question-Answers) एवं अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर (Extra Questions /Important Questions with Answers) सरल एवं भाषा में दिए गए हैं। आशा है यह सामग्री आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
Table of Contents
पाठ परिचय - Introduction
परिवार एक ऐसी सामाजिक संस्था है जिसके सदस्य एक-दूसरे के सुख-दुख में, किसी मुसीबत या परेशानी में, बीमारी में और खुशी में एक दूसरे के काम आते हैं। एक-दूसरे की उन्नति में सहायक बनते हैं। वहीं दूसरी ओर परिवार के लोगों के अपनेपन को, सहृदयता को, सहयोग की इसी भावना को हर प्राणी तक पहुँचाने में और समाज को शक्ति प्रदान करने में हमारे धर्मस्थल महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कहानी के लेखक मिथिलेश्वर ने अपनी इस कहानी के माध्यम से ग्रामीण परिवारों के सदस्यों और धार्मिक स्थलों के पुजारी तथा महंत आदि के स्वार्थ और लालच को उजागर किया है।
कहानी के मुख्य पात्र हरिहर काका की कोई संतान नहीं थी। औलाद के लिए उन्होंने दो शादियाँ भी कीं लेकिन उनकी दोनों पत्नियाँ स्वर्ग सिधार गईं। एक भरे-पूरे संयुक्त परिवार के होते हुए भी वह अकेले थे। हरिहर काका धार्मिक प्रवृत्ति के वृद्ध व्यक्ति थे परंतु ठाकुरबारी के लालची महंत के कारण उनके जीवन में परेशानियाँ और बढ़ गईं।
न तो परिवार को उनकी फ़िक्र थी न ही ठाकुरबारी के महंत और संतों को। दोनों का एक उद्देश्य था छल, बल और अनेक उपायों का प्रयोग करके हरिहर काका की उपजाऊ ज़मीन हथियाना।
आज पारिवारिक संबंधों में भाई के प्रति प्रेम और सम्मान के स्थान पर स्वार्थ और लालच अपनी जगह बना ली है। धर्म की आड़ में भी अपने स्वार्थ को पूरा करने वाले लालची पुजारी हिंसा करने से भी नहीं चूकते। यह कहानी केवल गाँव की सच्चाई ही नहीं बताती बल्कि शहरी जीवन की सच्चाई को भी हमारे सामने लाती है।
प्रश्न उत्तर - Question Answer
1. कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है और इसके क्या कारण हैं?
उत्तर – कथावाचक और हरिहर के बीच गहरा संबंध है जिसे कोई एक नाम नहीं दिया जा सकता। लेखक उनका सम्मान करता था। हरिहर काका के प्रति उसके लगाव के अनेक कारण थे। उनमें से दो प्रमुख कारण हैं। एक तो यह कि हरिहर काका कथावाचक के पड़ोसी थे।
दूसरा कारण यह है कि हरिहर काका बचपन में कथावाचक को इतना प्यार और दुलार करते थे जैसे कोई पिता अपने बच्चे को करता है। वह कथावाचक को अपने कंधे पर बैठाकर घुमाया करते थे। कथावाचक के बड़े होने पर उसकी सबसे पहली दोस्ती हरिहर काका से ही हुई इसलिए हरिहर काका के साथ उसका मित्रता का भी संबंध था। वह कथावाचक से कुछ भी नहीं छिपाते थे। खूब खुलकर बातें करते थे।
2. हरिहर काका को मंहत और भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?
उत्तर – हरिहर काका की कोई संतान नहीं थी। वह अपने तीन भाइयों के साथ संयुक्त परिवार में रहते थे। उनके हिस्से में पंद्रह बीघे उपजाऊ ज़मीन थी।
मंहत और भाई दोनों लालची थे। महंत उनकी ज़मीन को ठाकुरबारी में मिलाना चाहता था और भाई गाँव की उपजाऊ ज़मीन को खोना नहीं चाहते थे।
दोनों का उद्देश्य हरिहर काका की ज़मीन अपने कब्ज़े में करना था। अपने इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए दोनों ने ही हरिहर काका के साथ अच्छे व्यवहार का नाटक किया और अपनी मीठी – मीठी बातों में फँसाना शुरू किया।
ऐसा करने पर भी हरिहर काका ने जब अपनी ज़मीन किसी के नाम नहीं लिखी तब उनके भाइयों ने भी वही रूप धारण कर लिया, जो रूप महंत और उनके सहयोगियों ने धारण किया था। उन लोगों ने हरिहर काका के साथ ज़ोर-ज़बरदस्ती और मार – पीट करके ज़मीन के कागज़ों पर उनके अँगूठे के निशान ले लिए।
दोनों ही उनकी ज़मीन को हथियाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे। दोनों ने ही उन्हें मानसिक और शारीरिक चोट पहुँचाई थी इसलिए हरिहर काका को मंहत और भाई एक ही श्रेणी के लगने लगे।
3. ठाकुरबारी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा के जो भाव हैं उससे उनकी किस मनोवृत्ति का पता चलता है?
उत्तर – ठाकुरबारी के प्रति गाँववालों के मन में जो अपार श्रद्धा के भाव थे उनसे पता चलता है कि गाँववालों के मन में ठाकुरजी के प्रति भक्ति-भावना, ईश्वर में विश्वास और धर्म के प्रति गहरी आस्था है।
गाँव के अधिकतर लोग कृषि – कार्य (खेती) से अपना बचा हुआ समय ठाकुरबारी में ही बिताते थे। ठाकुरबारी में साधु-संतों के उपदेश सुनकर और ठाकुरजी के दर्शन करके वे अपने जीवन को सार्थक समझते थे।
उनका विश्वास था कि ठाकुरबारी में आते ही उनके पिछले सारे पाप खत्म हो जाते हैं। साथ ही लोग अच्छी फसल होने, मुकदमा जीतने, लड़की की शादी जल्दी तय होने आदि सभी शुभ कार्यों को ठाकुरजी की कृपा मानते थे जो उनकी अंधविश्वास करने की मनोवृत्ति को दर्शाता है।
4. अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं। कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – हरिहर काका अनपढ़ व्यक्ति थे फिर भी वे दुनिया की बेहतर समझ रखते थे। ठाकुर बारी में एक रात बिताने के बाद जब हरिहर काका घर आए तो उनके भाइयों का और उनकी पत्नियों का उनसे माफ़ी माँगना तथा उनका विशेष ध्यान रखने का कारण वह अच्छे से समझते थे।
वह यह जानते थे कि जब तक ज़मीन उनके पास है तब तक सभी उनका आदर करेंगें। उन्हें ऐसे अपने गाँव और इलाके के कुछ लोग भी ध्यान में थे जिन्होंने जीते – जी अपनी जायदाद अपने उत्तराधिकारियों के नाम लिख दी। परंतु इसके बाद उन्हें कोई पूछने वाला नहीं था अर्थात् उनका जीवन नर्क के समान हो गया। इसलिए उन्होंने यह निश्चय किया कि वह जीते-जी अपनी जायदाद किसी के नाम नहीं करेंगे। उनके इस निर्णय से पता चलता है कि उन्हें दुनिया की बेहतर समझ थी।
5. हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले कौन थे? उन्होंने उनके साथ कैसा व्यवहार किया?
उत्तर – हरिहर काका को जबरन उठाने वाले महंत के आदमी थे। आधी – रात के समय ठाकुर बारी के साधु-संत और उनके साथी भाला, बंदूक आदि हथियारों से लैस होकर हरिहर काका के पास आए और उन्हें उठाकर ठाकुरबारी ले गए।
वहाँ उनके साथ बहुत ही बुरा व्यवहार किया गया। महंत के आदमियों ने उन्हें पकड़कर ज़ोर – ज़बरदस्ती से तथा डरा – धमकाकर सादे और लिखे कागज़ों पर उनके अँगूठे के निशान ले लिए। उसके बाद हरिहर काका के हाथ और पाँव बाँधकर, उनके मुहँ में कपड़ा ठूँसकर उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया।
6. हरिहर काका के मामले में गाँव वालों की क्या राय थी और उसके क्या कारण थे?
उत्तर- हरिहर काका के मामले में गाँव के लोग दो वर्गों में बँट गए थे। एक वर्ग के लोग मंहत की तरफ़ थे जो चाहते थे कि हरिहर काका अपने हिस्से की ज़मीन ठाकुरजी अर्थात् महंत के नाम कर दें। उनके लिए इससे उत्तम और कुछ नहीं। इससे उन्हें मोक्ष और यश मिलेगा। तब यह ठाकुरबारी पूरे राज्य की सबसे बड़ी ठाकुरबारी हो जाएगी।
इस वर्ग के लोग धार्मिक संस्कारों के लोग थे और कुछ ठाकुरबारी से सुबह-शाम मिलने वाले स्वादिष्ट प्रसाद को खाने वाले पेटू किस्म के लोग थे।
दूसरे वर्ग में गाँव के प्रगतिशील विचारों वाले लोग तथा वैसे किसान थे जिनके परिवार में हरिहर काका की तरह कोई सदस्य होता है। उनका मानना था कि काका को अपनी ज़मीन परिवारवालों को दे ही देनी चाहिए। उनका कहना था कि भाई का परिवार तो अपना ही होता है। अपनी ज़मीन उन्हें न देना उनके साथ अन्याय होगा। ऐसा करना खून के रिश्ते के बीच दीवार बनाना होगा।
इस तरह दोनों वर्ग अपनी – अपनी समझ के अनुसार अपनी राय रखते थे परंतु हरिहर काका के बारे में किसी ने नहीं सोचा। इन बातों का एक और भी कारण यह था कि काका का अपना परिवार नहीं था। न तो उनकी पत्नी जीवित थी और उनकी कोई संतान भी नहीं थी।
7. कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने यह क्यों कहा, “अज्ञान की स्थिति में ही मनुष्य मृत्यु से डरते हैं। ज्ञान होने के बाद तो आदमी आवश्यकता पड़ने पर मृत्यु को वरण करने के लिए तैयार हो जाता है।”
उत्तर – महंत के साथ – साथ अपने भाइयों के व्यवहार से हरिहर काका को उनकी असलियत का भी पता चल चुका था। उन्हें इस बात का ज्ञान हो चुका था कि उन्हें जो प्रेम और सम्मान दिखाया जा रहा था वह सब झूठ था। ये सभी लोग उनकी ज़मीन हथियाना चाहते हैं।
महंत ने उनका अपहरण करवाकर उनके साथ जो व्यवहार किया था उस बुरी स्थिति को वह पहले ही भोग चुके थे। भाइयों के बार-बार समझाने पर भी जब हरिहर काका ने ज़मीन उनके नाम लिखने से मना कर दिया तब उनके भाई भी हथियार लेकर उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगे।
काका ने तब भी अपना फ़ैसला नहीं बदला क्योंकि उन्हें वे सभी लोग याद थे, विशेष रूप से रमेसर की विधवा जिसने परिवार वालों की बातों में फँसकर अपनी ज़मीन रमेसर के भाइयों के नाम कर दी और फिर सारा जीवन घुट-घुटकर मरती रही। इसलिए उन्होंने सोचा कि इस तरह की दुर्गति होने से तथा रोज़ मरने से तो एक बार मरना अच्छा है।
8. समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है? इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर – मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज रिश्तेदारों और आ – पड़ोस के लोगों के साथ विनम्रता पूर्वक व्यवहार करने से बनता है। रिश्तों का साथ मिलने से जहाँ व्यक्ति का सुख और ताकत चार गुना बढ़ जाती है, वही रिश्तों के बने रहने से तथा उनके साथ से दुख भी कम हो जाता है। समाज में रिश्तों-नातों का एक विशेष स्थान है।
आज के समय की बात करें तो समाज में पारिवारिक प्रेम और मानवीय मूल्य धीरे-धीरे खत्म होते जा रहे हैं। ज़्यादातर लोग अपने स्वार्थ के लिए रिश्ते निभाते हैं। हरिहर काका की कहानी कोई नई नहीं। समाज में महंत और उनके भाइयों जैसे लालची लोग मिल जाते हैं। जो जायदाद के लिए अपनों की हत्या तक कर देते हैं। इसलिए हरिहर काका जैसे लोगों को अपने खून के रिश्तेदारों से बचने के लिए पुलिस की सहायता लेनी पड़ती है।
9. यदि आपके आस-पास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो आप उसकी किस प्रकार मदद करेंगे?
उत्तर – यदि हमारे आस-पास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो हम उसकी हर संभव सहायता करने का प्रयास करेंगे-
(i) सबसे पहले तो हम उन्हें यह विश्वास दिलाएँगे कि वे ऐसा न समझें कि वे अकेले और असहाय हैं। सुबह या शाम की सैर के बहाने आस-पास के अनुभवी लोगों को उनसे मिलवाएँगे।
(ii) क्षेत्र की स्वयंसेवी संस्था से मिलकर उनके परिवार को समझाने का प्रयास करेंगें।
(iii) बड़े – बुज़ुर्गों की सहायता लेकर पुलिस को उनकी स्थिति तथा महंत और भाइयों के बुरे इरादों के बारे में पहले से ही सूचित कर देंगे।
(iv) समाचार-पत्रों और मिडिया की सहायता लेंगे।
10. हरिहर काका के गाँव में यदि मीडिया की पहुँच होती तो उनकी क्या स्थिति होती? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- हरिहर काका की बात मिडिया तक पहुँच जाती तो उनकी हालत इतनी खराब न होती।
जो दुखी और एकाकी जीवन वे बिता रहे थे वह उन्हें मिडिया के हस्तक्षेप से न बिताना पड़ता। वे अपने पर हुए अत्याचार लोगों को न केवल बताकर भयमुक्त हो जाते बल्कि उनके कारण कई और लोग भी जागरूक हो जाते।
मिडिया के कारण महंत और भाइयों का अपराध सबके सामने आ जाता। सबकी पोल खुल जाती। उनके द्वारा हरिहर काका का अपहरण, उन्हें धमकाने और ज़बरदस्ती अँगूठा लगवाने के अपराध में उन्हें जेल हो जाती।
मिडिया के कारण उन्हें संसार की सहानुभूति के साथ – साथ उचित न्याय भी मिलता।
महत्त्वपूर्ण प्रश्न - Important Questions
1. हरिहर काका के मामले में गाँववालों की क्या प्रतिक्रिया (reaction) थी?
उत्तर – हरिहर काका अपने घरवालों से नाराज़ होकर जबसे ठाकुरबारी में एक रात रहकर घर आए थे उसके बाद से ही गाँव की बैठकों में हरिहर काका के संबंध में बातें होने लगी थीं।
इस मामले में गाँव के लोग दो वर्गों में बँट गए थे। एक वर्ग के लोग मंहत की तरफ़ थे जो चाहते थे कि हरिहर काका अपने हिस्से की ज़मीन ठाकुरजी अर्थात् महंत के नाम कर दें। उनके लिए इससे उत्तम और कुछ नहीं। इससे उन्हें मोक्ष और यश मिलेगा। तब यह ठाकुरबारी पूरे राज्य की सबसे बड़ी ठाकुरबारी हो जाएगी।
इस वर्ग के लोग धार्मिक संस्कारों के लोग थे और कुछ ठाकुरबारी से सुबह-शाम मिलने वाले स्वादिष्ट प्रसाद को खाने वाले पेटू किस्म के लोग थे।
दूसरे वर्ग में गाँव के प्रगतिशील विचारों वाले लोग तथा वैसे किसान थे जिनके परिवार में हरिहर काका की तरह कोई सदस्य होता है। उनका मानना था कि काका को अपनी ज़मीन परिवारवालों को दे ही देनी चाहिए। उनका कहना था कि भाई का परिवार तो अपना ही होता है। अपनी ज़मीन उन्हें न देना उनके साथ अन्याय होगा। ऐसा करना खून के रिश्ते के बीच दीवार बनाना होगा।
इस तरह दोनों वर्ग अपनी – अपनी समझ के अनुसार अपनी राय रखते थे। सब अपने-अपने तरीके से समाधान ढूँढ़ रहे थे और कुछ होने की प्रतीक्षा कर रहे थे। इसी संबंध में अलग – अलग वर्गों के लोग आपस में लड़ भी पड़ते थे। परंतु हरिहर काका के बारे में कोई नहीं सोच रहा था।
गत वर्ष प्रश्न - Previous Year Questions
प्रश्न 1. हरिहर काका कहानी की पृष्ठभूमि ग्रामीण जीवन पर आधारित है, जिसमें पारिवारिक संबंधों के निःस्वार्थ प्रेम के स्थान पर बढ़ती स्वार्थ लिप्सा को दर्शाया गया है। क्या यह कहानी शहरी जीवन के यथार्थ को भी उजागर करती है ? तर्क सहित उत्तर दीजिए ।
उत्तर – * वर्तमान समय (आज के समय) में, स्वार्थ और लालच लगभग हर परिवार के संबंधों में अपनी जगह बनाते जा रहे हैं फिर चाहे वह ग्रामीण जीवन हो या शहरी जीवन ।
* आज के समय में संयुक्त परिवार टूटते जा रहे हैं। उनके स्थान पर एकल परिवार बन रहे हैं।
* आज का मनुष्य अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में व्यस्त हे और केवल अपने फ़ायदे के बारे में ही सोचता है।
*पारिवारिक संवेदना (प्रेम) के लिए कोई स्थान नहीं।
प्रश्न 2. ‘आस्था के प्रतीक धर्मस्थान, मानव को जीवन में सन्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।’- ‘हरिहर काका’ कहानी के संदर्भ में इस कथन के पक्ष या विपक्ष में तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।
उत्तर – * उपरोक्त कथन सही है परंतु हरिहर काका कहानी के संदर्भ में नहीं।
*ठाकुरबाड़ी, गाँववालों की धार्मिक आस्था का प्रतीक तो है परंतु वास्तव में वहाँ रहने वाले महंत और साधु-संत लालची हैं। वे सभी हरिहर काका की ज़मीन हथियाने के लिए किसी भी हद तक जाने से नहीं चूकते ।
प्रश्न 3. हरिहर काका और टोपी शुक्ला दोनों ही भरे-पूरे परिवार से संबंधित होते हुए भी अकेले थे। दोनों के अकेलेपन के कारणों की समीक्षा कीजिए।
उत्तर – * दोनों अपनी भावनाएँ किसी से नहीं बाँटते थे।
*उन दोनों की भावनाओं को समझने वाला घर में कोई नहीं था।
* भरे – पूरे परिवार में रहते हुए भी दोनों के लिए किसी के पास समय नहीं था, सब व्यस्त थे।
*परिवार वालों का उपेक्षापूर्ण (बुरा) व्यवहार।
प्रश्न 4. हरिहर काका कहानी के आधार पर लिखिए कि कहानी के अंत में हरिहर काका की सुरक्षा में राइफ़लधारी पुलिस के चार जवान क्यों नियुक्त किए गए । हरिहर काका की वास्तविक सुरक्षा किसके द्वारा और कैसे की जा रही थी?
उत्तर – क्यों –
*हरिहर काका को अपने भाइयों और महंत जी से अपने प्राणों का डर था।
* साथ ही भाइयों को महंत से और महंत को भाइयों से खतरा था कि कहीं कोई फिर से हरिहर काका को बहला-फुसलाकर या ज़बरदस्ती उनकी ज़मीन को हथियाने की कोशिश न करे।
किसके द्वारा-
* महंत और हरिहर काका के भाइयों के प्रयासों से पुलिस के चार जवान हरिहर काका की सुरक्षा के लिए नियुक्त
कैसे-
* महंत और हरिहर काका के भाइयों द्वारा उनपर नज़र रखकर
प्रश्न 5. ‘हरिहर काका कहानी पारिवारिक जीवन में घर कर चुकी स्वार्थपरता और हिंसा-प्रवृत्ति को बेनकाब करती है।’ तर्कसंगत उत्तर दीजिए ।
उत्तर – हरिहर काका का परिवार, उनसे प्रेम की जगह केवल स्वार्थ और अपने हितों से बँधा था।
* हरिहर काका की ज़मीन हथियाने के लिए उनकी देखभाल और सेवा का दिखावा किया जा रहा था।
* ज़मीन का हिस्सा न मिलने के डर से भाइयों ने उन्हें शारीरिक यातना दी और मानसिक रूप से भी चोट पहुँचाई।