Vachya - Explanation, Bhed, Examples
इस पोस्ट में हम कक्षा 10 के हिंदी व्याकरण के एक महत्त्वपूर्ण विषय ‘वाच्य’ के बारे में जानेंगे। वाच्य किसे कहते हैं, वाच्य के कितने भेद हैं, आसान से चरणों (steps) के द्वारा वाच्य – भेदों की पहचान कैसे की जा सकती है। साथ ही किन आवश्यक बातों को ध्यान में रखते हुए वाच्य – परिवर्तन करें, इन विषयों पर चर्चा की जाएगी।
वाच्य
आइए कुछ उदाहरणों के माध्यम से समझते हैं –
~ राधा पत्र लिखती है।
राधा – कर्ता
पत्र – कर्म
लिखती है – क्रिया
दिए गए वाक्य में क्रिया अपने कर्ता अर्थात् राधा के लिंग और वचन के अनुसार आई है। इसका अर्थ यह है कि वाक्य में कर्ता प्रधान (मुख्य) है।
~ राधा के द्वारा पत्र लिखा जाता है।
राधा – कर्ता
पत्र – कर्म
लिखा जाता है – क्रिया
इस वाक्य में कर्ता के बाद ‘के द्वारा’ लगा है और क्रिया का रूप कर्म अर्थात् पत्र के लिंग और वचन के अनुसार है, अतः इस वाक्य में कर्म प्रधान है।
~ राधा से लिखा जाता है।
राधा से क्या लिखा जाता है? उपरोक्त वाक्य में इसका उत्तर नहीं दिया गया। अतः वाक्य में कर्म नहीं दिया गया। इस वाक्य में क्रिया न तो कर्ता के अनुसार है, न ही कर्म के अनुसार। इस वाक्य में भाव प्रधान है।
वाच्य के भेद
1. कर्तृवाच्य
2. कर्मवाच्य
3. भाववाच्य
वाक्य में वाच्य का भेद पहचानने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –
कर्मवाच्य
1. वाक्य में कर्म प्रधान होता है।
2. केवल सकर्मक क्रिया होती है।
3. कर्ता के साथ से/द्वारा /के द्वारा आता है।
4. वाक्य कर्ता के बिना भी बन सकते हैं। जैसे – जंगल काटे गए।
5. कर्ता के साथ ‘ने’ नहीं आता।
भाववाच्य
1. वाक्य में न तो कर्ता प्रधान होता है, न ही कर्म बल्कि भाव की प्रधानता रहती है।
2. केवल असकर्मक क्रिया होती है।
3. कर्ता के साथ से/द्वारा /के द्वारा आता है।
4. वाक्य कर्ता के बिना भी बन सकते हैं। जैसे – ‘अब सहा नहीं जाता।’
5. कर्ता के साथ ‘ने’ नहीं आता।
वाच्य का भेद पहचानना
1. सबसे पहले वाक्य में कर्ता छाँटें।
2. कर्ता के साथ से / द्वारा / के द्वारा नहीं है तो वह वाक्य कर्तृवाच्य ही होगा।
3. अगर कर्ता के साथ से / द्वारा / के द्वारा है तो वह कर्मवाच्य या भाववाच्य में से एक होगा।
4. कर्मवाच्य या भाववाच्य पहचानने के लिए क्रिया को पहचानें –
• यदि क्रिया सकर्मक है तो – कर्मवाच्य
• यदि क्रिया अकर्मक है तो – भाववाच्य
ऊपर दिए गए बिंदुओं को उदाहरणों की सहायता से समझते हैं –
उदाहरण 1 – राम पुस्तक पढ़ता है।
राम – कर्ता
पुस्तक – कर्म
पढ़ता है – क्रिया
~ कर्ता (राम) के साथ से/द्वारा /के द्वारा नहीं है तो यह वाक्य कर्तृवाच्य है।
उदाहरण 2 – राम द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।
राम – कर्ता
पुस्तक – कर्म
पढ़ी जाती है – क्रिया
~ द्वारा लगने से यह वाक्य कर्मवाच्य या भाववाच्य में से एक होगा।
~ वाक्य में कर्म (पुस्तक) के होने के कारण यहाँ सकर्मक क्रिया है। हमने अभी समझा था कि वाक्य में कर्ता के साथ से/द्वारा /के द्वारा है और सकर्मक क्रिया है तो यहाँ कर्मवाच्य होगा।
उदाहरण 3 – दादी से चला नहीं जाता।
दादी – कर्ता
चला नहीं जाता – क्रिया
– कर्म ?
~ वाक्य में कर्ता के बाद ‘से’ लगने के कारण वाक्य कर्तृवाच्य नहीं है।
~ वाक्य में कर्म न होने के कारण वाक्य कर्मवाच्य भी नहीं है ।
~ अकर्मक क्रिया होने के कारण वाक्य भाववाच्य है।
ध्यान देने योग्य बात –
परीक्षा में कभी – कभी ऐसे वाक्यों का वाच्य पहचानकर उनका भेद पूछा जाता है जिनमें कर्ता नहीं दिया गया होता। जैसे –
बच्चे को भोजन खिला दिया। > कर्ता नहीं है।
बच्चे को – कर्ता
भोजन – कर्म
खिला दिया – क्रिया
~ ऐसी स्थिति में वाक्य के अनुरूप जो ठीक लगे वह कर्ता अपनी तरफ़ से वाक्य में लगाकर वाच्य का भेद पता किया जाता है।
> माँ बच्चे को भोजन खिला दिया। ❌
> माँ से बच्चे को भोजन खिला दिया। ❌
> माँ ने बच्चे को भोजन खिला दिया। ✔️
~ इस प्रकार वाक्य के अनुरूप कर्ता के साथ परसर्ग लगाएँ। उसके बाद वाच्य पहचानने के steps को follow करें।
वाच्य - परिवर्तन
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में बदलने के नियम –
1. वाक्य में कर्ता के बाद से / द्वारा / के द्वारा परसर्ग लगाया जाता है।
2. परिवर्तन करने के बाद क्रिया जिस काल में थी, उसी काल में रहनी चाहिए।
उदाहरण –
(i) कर्तृवाच्य – पुलिस चोर को पकड़ती है।
कर्मवाच्य – पुलिस के द्वारा चोर पकड़ा जाता है।
(ii) कर्तृवाच्य – नानाजी ने कहानी सुनाई।
कर्मवाच्य – नानाजी द्वारा कहानी सुनाई गई।
(iii) कर्तृवाच्य – बच्चे शांत नहीं रहते।
कर्मवाच्य – बच्चों से शांत नहीं रहा जाता।
कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य में बदलने के नियम –
1. कर्ता के साथ लगे परसर्ग से / द्वारा / के द्वारा हटा दिए जाते हैं।
2. परिवर्तन करने पर क्रिया का काल नहीं बदला जाएगा।
उदाहरण –
(i) कर्मवाच्य – राधा के द्वारा गीत गाया गया।
कर्तृवाच्य – राधा ने गीत गाया।
(ii) कर्मवाच्य – मेघा द्वारा कार चलाई जाती है।
कर्तृवाच्य – मेघा कार चलाती है।
(iii) कर्मवाच्य – माँ से बाज़ार जाया जाता है।
कर्तृवाच्य – माँ बाज़ार जाती है।
कर्तृवाच्य से भाववाच्य में बदलने के नियम –
1. कर्ता के साथ से / द्वारा / के द्वारा परसर्ग लगाया जाता है।
2. केवल अकर्मक क्रिया वाले वाक्य ही भाववाच्य में परिवर्तित हो सकते हैं।
3. क्रिया पुल्लिंग और एकवचन ही रहती है।
उदाहरण –
(i) कर्तृवाच्य – हम इतना नहीं चल सकते।
भाववाच्य – हमसे इतना नहीं चला जाता / जा सकता।
(ii) कर्तृवाच्य – चलिए, घूमने चलते हैं।
भाववाच्य – चलिए, घूमने चला जाए।
(iii) कर्तृवाच्य – बच्चा क्यों रो रहा है?
भाववाच्य – बच्चे द्वारा क्यों रोया जा रहा है?
ध्यान देने योग्य बात –
* कर्मवाच्य को भाववाच्य में नहीं बदला जा सकता क्योंकि उसमें कर्म होता है।
* केवल अकर्मक क्रियाएँ ही भाववाच्य होती हैं।
* अगर वाच्य – परिवर्तन में वाक्य में कर्ता नहीं दिया होता तो अपनी सुविधा के लिए उसे अपने – आप लगाना होता है। लेकिन परिवर्तित वाक्य दिए गए वाक्य के समान ही होना चाहिए।
उदाहरण –
गरीबों में खाना बाँट दिया गया। (कर्तृवाच्य में बदलो)
ऊपर दिए गए कर्मवाच्य वाले वाक्य को कर्तृवाच्य में बदना है परंतु इस वाक्य में कर्ता नहीं दिया गया है। अतः वाक्य के अनुरूप कर्ता सोचकर वाक्य को बदला जाएगा। जैसे –
~ कर्मवाच्य – रोहन द्वारा गरीबों में खाना बाँट दिया गया।
~ कर्तृवाच्य – रोहन ने गरीबों में खाना बाँट दिया।
~ कर्तृवाच्य – गरीबों में खाना बाँट दिया। (सही उत्तर)